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गीता प्रेस, गोरखपुर >> एक नयी बात

एक नयी बात

स्वामी रामसुखदास

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :57
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1094
आईएसबीएन :00000

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गीता में जहाँ भगवान् ने कर्ममात्र की सिद्धि में अधिष्ठान, कर्ता, कारण, चेष्टा और दैव—ये पाँच हेतु बताये हैं, वहाँ शुद्ध आत्मा (चेतन)-को कर्ता माननेवाले की निन्दा की है...

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